कोलकाता: राशन घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम पश्चिम बंगाल में लगातार छापेमारी कर रही है. इस बीच शुक्रवार को ईडी की एक टीम उत्तरी 24 परगना में छापेमारी करने पहुंची लेकिन ग्रामीणों की भीड़ ने उसे घेर लिया और हमला कर दिया. रिपोर्ट के मुताबिक, भीड़ ने ईडी अधिकारियों के साथ-साथ केंद्रीय सुरक्षा बलों के वाहनों में भी तोड़फोड़ की.
ईडी टीम पर हमले का यह मामला उत्तर 24 परगना जिले के संदिशाखाली गांव का है. जांच एजेंसी की टीम यहां राशन घोटाला मामले में टीएमसी नेता एसके शाहजहां शेख के घर पर छापेमारी करने पहुंची थी. इसी दौरान करीब 200 लोगों की भीड़ ने अचानक ईडी टीम पर हमला कर दिया. भीड़ ने ईडी अधिकारी और उनके साथ चल रहे केंद्रीय सुरक्षा बलों के वाहनों में तोड़फोड़ की. जानकारी के मुताबिक, छापेमारी के लिए आई टीम में ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर भी शामिल थे. भीड़ ने उनकी कार भी तोड़ दी. हालांकि इस हमले के बाद टीएमसी नेता एसके शाहजहां को गिरफ्तार कर लिया गया है.
गौरतलब है कि राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में पश्चिम बंगाल में ईडी की छापेमारी कई महीनों से चल रही है। प्रवर्तन निदेशालय ने पहले खुलासा किया था कि पश्चिम बंगाल में लाभार्थियों के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का लगभग 30 प्रतिशत राशन खुले बाजार में भेज दिया गया था। जांच एजेंसी ने कहा था कि राशन की कथित चोरी के बाद मिले पैसे को मिल मालिकों और पीडीएस वितरकों के बीच बांटा गया था.
चावल मिल मालिकों ने सहकारी समितियों सहित कुछ लोगों के साथ मिलकर किसानों के फर्जी बैंक खाते खोले और धान किसानों को दिया जाने वाला एमएसपी हड़प लिया। मुख्य आरोपियों में से एक ने स्वीकार किया कि चावल मिल मालिकों ने प्रति क्विंटल लगभग 200 रुपये कमाए।
इससे पहले ईडी ने राशन घोटाला मामले में बंगाल की मंत्री ज्योति प्रिया मलिक के आवास पर भी छापेमारी की थी. वन मंत्री बनने से पहले ज्योति प्रिया मलिक खाद्य मंत्री का भी कार्यभार संभाल चुकी हैं. इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने इस कथित घोटाले में चावल मिल मालिक बाकीबुर रहमान को गिरफ्तार किया था. 2004 में चावल मिल मालिक के रूप में अपना करियर शुरू करने वाले रहमान ने अगले दो वर्षों में तीन और कंपनियां स्थापित कीं। ईडी अधिकारियों के मुताबिक, रहमान ने कथित तौर पर कई फर्जी कंपनियां बनाईं और पैसे की हेराफेरी की।
टीएमसी नेताओं पर ईडी की छापेमारी पहले भी हो चुकी है. जांच एजेंसी ने भ्रष्टाचार के एक मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से भी पूछताछ की थी। 2022 शिक्षक भर्ती मामले में बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया गया है।
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